Thursday, August 18, 2011

kahani japan ke vikas ki

 इस देश में दो देश बसते है, एक  का नाम है भारत जो देश की ८५% जनता का प्रतिनिधित्व करता  है लेकिन जो बुनियादी सुविधाओं  से वंचित है! इसमें शिक्षा का अभाव है और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करना उसकी नियति है! दूसरा देश १५% जनता के साथ इंडिया है जो शान- शौकत के जीवन का दंभ भरता है! हमारी कोशिश में  भारत के विकास का भाव होना चाहिए!
     हम सभी ने जापान के बारे में जरुर सुना होगा अरे हाँ  वही जहाँ १९४५ में दो परमाणु बम गिरे थे परन्तु उस जापान को आज हम विश्व के सर्वाधिक विकसित राष्ट्र  के रूप में जानते हैं! चलिए एक प्रसंग बताता हूँ  फिर समझेंगे, मै चित्रकूट का रहने वाला हूँ वहां श्रद्धेय नानाजी देशमुख के सानिध्य में कई वर्ष रहा हूँ एक बार उन्होंने चर्चा के दौरान बताया की भाद्रपद २००१ में ऑक्सफोर्ड विश्वविधालय की शोध छात्रा मूलतः जापानी निवासी ऐरी कुकेता सतना जिले के वनवासी गाँव पतनीकला में दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के द्वारा किये गए सुधार कार्यों का अध्ययन करने पहुंची! भाषा , खान, पान रहन - सहन  सभी प्रकार की कठिनाइयों  के  उपरांत भी अपने मिशन के लिए तीन दिन तक गाँव वालों के बीच रमी रहीं! 
   इसी गाँव में कुछ समय बाद भारतीय प्रशाशनिक परीक्षा  के द्वारा चयनित प्रशिक्षनार्थी आये  जिन्हें दस दिन तक यहाँ रहकर वनवासी जीवन का अध्ययन करना था! इनमे से अधिकांश गाँव में ना रहकर रात्रि में चमचमाती गाड़ियों में रेत उड़ाते १५ कि0 मी० दूर मझगवां कस्बे में रहते थे क्योंकि उन्हें बिजली के बिना नींद नहीं आती है और खुले में सुबह पखाना कैसे लगे ? 
 जापान के विकसित राष्ट्र बनने की कहानी का कुछ अंश समझ में आया ना ???????????
                                                                   धन्यवाद 

Wednesday, August 17, 2011

KAHANI YOUNGISTAAN KI

KAHANI YOUNGISTAAN KI
आजादी का ये जश्न मनाते मनाते ६४ साल हो गए पर यह पीढ़ी किसी भी मायने में पिछली पीढ़ी से कम देशभक्त नहीं है हाँ अभिव्यक्ति का अंदाज जरूर बदल गया है! पहले स्वतंत्रता दिवस पर कर चले हम फ़िदा ...... जैसे गाने सुनाई पड़ते थे! कहते है की लता मंगेशकर जी  के गाने ऐ मेरे वतन के लोगों ..... को सुनकर नेहरु जी की आँखों में आंसू आ गए थे! लेकिन आज हकीकत जरा बदल गयी है! युवाओं को आज सुनो गौर से दुनिया वालों .....सबसे आगे होंगे हिन्दुस्तानी ..., हम चलते है जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते है..... जैसे गाने ज्यादा पसंद है! युवा को भारतीय होने का अहसास हर पल रहता है! उन्हें भारतीय संविधान की प्रिअम्ब्ल भले  ही याद न हो लेकिन ये पता है की जब देश में किसी प्रकार का संकट हो और पैनिक बटन दबा  हो तो एकजुट होकर ही देश की एकता और सदभाव को जोड़े रखे रहा जा सकता है! उनके अंदाज में एग्रेसन है, लेकिन यह अपने वजूद को बचाने के लिए है किसी को मिटाने के लिए नहीं! यही आज के युवा के एग्रेसन की सकारात्मकता है!
                                     जय हिंद , जय जवान 
आजादी की ६४वीं वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ .........................................!