Tuesday, July 24, 2018

मैं लौट आया हूँ...

अरसा हो गया कुछ लिखे...नहीं,लिखा तो पर शायद दिल से नहीं, दूसरा पढ़ाई और परीक्षा की तैयारियों में इतना व्यस्त हो गया था की इधर ध्यान कुछ कम गया। मेरे जैसे झोलाछाप ब्लागर की यही समस्या है की मैं चाहता हूँ की जब भी लिखूं तो कुछ ऐसा लिखूं जो क्रांति ला दे पर यकीन मानिये तब तब मैं कुछ भी नहीं लिख पाता हूँ।इस वजह से बहुत कुछ अनकहा रह जाता है।ये मेरी वापसी है,घर वापसी और ये घर वापसी संभव हुई है मेरी एक फेसबुक मित्र श्रीमती आरती बाजपेयी दुबे जी की एक बात से की "आप को पढ़ने वाले अगर दो लोग भी है तो भी आप लिखिये।आप के लिखने से इतना तो होगा ही की सबको मालूम पड़ेगा की देश अभी भेड़ों का झुंड नहीं बना है।"
तो मित्रों मैं तो लिखूंगा अब क्योंकि मैं लौट आया हूँ